साक्षात्कार - पोलो प्लेयर विश्वेन्द्र राजावत
जोश, जूनुन और रफ्तार का खेल है पोलो। इसमें भले ही प्लेयर के हाथों में घोड़े की नकेल रहती हो, पर असलियत में प्लेयर की जिन्दगी घोड़े पर निर्भर करती है। जरा सी चूक जिन्दगीभर के लिए घातक साबित हो सकती है। इसके बावजूद जयपुर के विश्वेन्द्र सिंह राजावत के लिए पोलो न सिर्फ जिन्दगी का जुनून है, बल्कि उनकी दिनचर्या का एक हिस्सा है। विश्वेन्द्र का टारगेट पर पोलो के हाईस्ट गोल्स के टूर्नामेंट क्वींस कप पर जीत हासिल करना है और इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। एक गरम चाय के साथ विश्वेन्द्र से खास चर्चा
polo player vishwendra singh rajawat |
- शौकियां तौर पर जुड़े, अब 'पैशन
महज 27 वर्ष के विश्वेन्द्र ने कॉलेज टाइम में राजस्थान स्टालिन से घुड़सवारी की ट्रेनिंग ली। उनका कहना है कि इसके बाद घोड़ों से मोहब्बत हो गई और इनसे दूरी बना ही नहीं पाया। यहीं कारण है कि आज तीन घोड़े है। इनमें पहला वैलेन्टाइन, अपोलो दूसरा और पसाइंटन तीसरा है। तीनों के साथ घंटों समय बिताता हूं और उनकी पल पल की खैर-खबर रखता हूं। घुड़सवारी के बाद पोलो से जुड़ गया और इस रोमांचक खेल को खेले बिना रहा नहीं जाता।
- एक्सीडेंट्स हुए, पर हौसला वहीं
राजपूताना राइडिंग एंड पोलो क्लब से जुड़े राजावत वर्ष 2012 में चिंकारा कप के दौरान एक्सीडेंट का शिकार भी हो चुके है। इसके दौरान उन्हें कई दिनों तक बैड रेस्ट करना पड़ा। उनकी हालत देखकर पेरेन्ट्स ने पोलो गेम के शौक को ड्रॉप करने की बात कहीं, लेकिन विश्वेन्द्र नहीं माने और आखिरकार ठीक होते ही सीधा घोड़ों के पास पहुंचे और पोलो खेलना शुरू कर दिया। उनकी इसी शौक के कारण तब से मां उनका पोलो मैच देखने नहीं जाती है, जिसका उन्हें अफसोस है।
- my ideal is adolfo cambiaso
अभी तक 10 गोल तक के मैच खेल चुके पोलो प्लेयर विश्वेन्द्र का टारगेट हाई गोल्स का क्वींस कप खेलना है। उनके फेवरेट प्लेयर अर्जंटीना के एडोल्फो कैम्बीयासो है। हालांकि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है और पोलो गेम के दौरान मिलने वाली Ranking को इम्प्रूव करने के लिए भी प्रेक्ट्रिस की जा रही है। उनका मानना है कि भले ही पोलो इंडिया के रजवाड़ों का गेम रहा हो, पर गवर्नमेंट की अनदेखी के कारण इसे अब विदेशों में लोकप्रियता अधिक मिल रही है।
इन टूर्नामेंट्स में कर चुके पार्टिसिपेट
इन टूर्नामेंट्स में कर चुके पार्टिसिपेट
- - माउंट शिवालिक टूर्नामेंट
- - कमांडर्स कप
- - चिंकारा कप
- - सप्त शक्ति कप
- - गोल्ड बॉश कप
- - सवाई भवानी सिंह कप
- - कोटा कप
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