"लव फिर कभी" से बॉलीवुड में डेब्यू करेगी आकृति
ekgaramchai exclusive : मॉडलिंग से एक्ट्रेस बनने तक के संघर्ष की बताई स्टोरी
Aakriti anand singh model |
एज्यूकेशन कहां से हुई?
स्कूलिंग ब्राइटलैंड्स, वैशाली नगर से की। ग्रेजुएशन महारानी कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएशन राजस्थान यूनिवर्सिटी से किया है।
कभी सोचा था आप एक्ट्रेस बनेंगी?
नहीं, मैंने नहीं सोचा था ऐसा कुछ। सब बिना सोचे ही हुआ। जब मैं 15 साल की थी तब ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए फैमिली ने इंस्पायर किया। मैंने पार्टिसिपेट किया और मुझे मिस जयपुर का खिताब मिला। उसके बाद मेरा इंटे्रस्ट मॉडलिंग और एक्टिंग में बढ़ता गया। मैंने दूरदर्शन के कार्यक्रमों में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया है।
मॉडलिंग कब से कर रहीं हैं?
प्रोफेशनली तो चार साल से मॉडलिंग कर रही हूं, लेकिन स्कूल टाइम से ही मॉडलिंग करने लगी थी। यानी आठ साल से इस फील्ड में हूं।
"लव फिर कभी" का एक्सपीरियंस कैसा रहा ?
टीम भी बहुत अच्छी है। पहली फिल्म का एक्सपीरियंस भी यादगार और खुशनुमा रहा।
पेरेंटस को कैसा लगा?
फिल्म मार्च में रिलीज होगी। पेरेंट्स खुश हैं। पेरेंटस भी थियेटर से जुड़े हैं तो उनका बहुत सपोर्ट रहा। उनके सपोर्ट के बिना यह सब पॉसिबल नहीं हो पाता।
अगला प्रोजेक्ट?
फिलहाल मूवी के लिए बात चल रही है। डीडी पर "झुमकी" सीरियल में झुमकी के लीड रोल में नजर आऊंगी।
कोई ऐसा रोल जो आप करना चाहेंगी?
मैं वर्सेटाइल रोल करना चाहती हूं। "मैरीकॉम" में प्रियंका चोपड़ा, "डर्टी पिक्चर" में विद्या बालन या "दबंग" में सोनाक्षी सिन्हा का रोल ये सभी बिल्कुल अलग भूमिका हैं। मैं भी अलग-अलग तरह की भूमिका निभाना चाहती हूं।
आपकी रोल मॉडल?
मैंने किसी एक्ट्रेस को रोल मॉडल नहीं बनाया। मैं चाहती हूं मैं किसी की तरह ना बनूं, बल्कि मेरी पहचान ऐसी बने कि सब मेरी तरह बनना चाहें। साथ ही मैं सभी एक्टर के साथ काम करना चाहूंगी।
आइटम सॉन्ग करना चाहेंगी?
Aakriti anand singh model |
जी बिल्कुल। आइटम सॉन्ग करने में क्या बुराई है। बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस भी आजकल फिल्मों में आइटम सॉन्ग कर रही हैं। इससे उनकी बॉन्डिंग होती है।
मूवी से अपेक्षाएं?
जब भी फिल्म प्रमोशन के लिए जाती हूं तो लोग मेरी स्माइल पर फिदा हो जाते हैं। यह फीलिंग शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। "लव फिर कभी" के बाद सब लोग मुझे पहचानने लगे हैं। फिल्म में अच्छा काम किया है। उम्मीद तो काफी है।
एक्सपीरियंस जो शेयर करना चाहती हैं?
एक्सपीरियंस के साथ मैसेज भी देना चाहती हूं। जब भी कठिन वक्त हो आप हार्डवर्क को अपना साथी बना लें। तीन साल पहले मुंबई गई थी तब वहां किसी को जानती नहीं थी। ज्यादा पैसे भी नहीं थे। कभी कभी 5000 रुपए के लिए भी सोचना पड़ता था, लेकिन मैं हार्डवर्क करती रही। अब मुझे लाख रुपए खर्च करने हो, तो भी नहीं सोचती हूं। मेहनत के बाद ही सक्सेस मिली है। सक्सेस का शॉर्टकट नहीं होता है।
मूवी से अपेक्षाएं?
जब भी फिल्म प्रमोशन के लिए जाती हूं तो लोग मेरी स्माइल पर फिदा हो जाते हैं। यह फीलिंग शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। "लव फिर कभी" के बाद सब लोग मुझे पहचानने लगे हैं। फिल्म में अच्छा काम किया है। उम्मीद तो काफी है।
एक्सपीरियंस जो शेयर करना चाहती हैं?
एक्सपीरियंस के साथ मैसेज भी देना चाहती हूं। जब भी कठिन वक्त हो आप हार्डवर्क को अपना साथी बना लें। तीन साल पहले मुंबई गई थी तब वहां किसी को जानती नहीं थी। ज्यादा पैसे भी नहीं थे। कभी कभी 5000 रुपए के लिए भी सोचना पड़ता था, लेकिन मैं हार्डवर्क करती रही। अब मुझे लाख रुपए खर्च करने हो, तो भी नहीं सोचती हूं। मेहनत के बाद ही सक्सेस मिली है। सक्सेस का शॉर्टकट नहीं होता है।
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