Sunday, September 10, 2017

#MCDONALDS थमने का नाम नहीं ले रहा मैकडॉनल्डस विवाद

नई दिल्ली । मैकडॉनल्ड्स और उनके सहयोगी विक्रम बक्शी के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच विक्रम बक्शी ने दावा किया कि उत्तरी और पूर्वी भारत में 126 दुकानों का संचालन पूर्ण रूप से जारी है। वहीं अमेरिकी कंपनी मैकडॉनल्ड्स का कहना है कि वह अनुबंध रद्द करने के आदेश का पालन कराने के लिए कार्रवाई करेगी।
गुरुग्राम, कोलकाता, दुर्गापुर और लखनऊ में कनॉट प्लाजा रेस्तरां लिमिटेड (सीआरपीएल) के अंतर्गत संचालित होने वाले रेस्तरां पूर्व की तरह चल रहे हैं। बता दें कि सीआरपीएल, मैकडॉनल्डस और विक्रम बक्शी का संयुक्त उद्यम है, जिसमें दोनों की 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी है। बक्शी ने कहा, '43 रेस्तरां को छोड़कर शेष रेस्तरां खुले हैं और उनका संचालन जारी है।' सीआरपीएल उत्तरी और पूर्वी भारत में 169 रेस्तरां का संचालन करती है, जिसमें से 43 को जून में लाइसेंस समाप्त होने के बाद बंद कर दिया गया था। मैकडॉनल्ड्स इंडिया ने पिछले महीने सीआरपीएल के साथ करार को रद्द करते हुए 5 सितंबर के बाद से कंपनी का ब्रान्ड, ट्रेडमार्क और उससे जुड़ी बैद्धिक संपदा के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था। इसके बाद से सीआरपीएल के अधीन चलने वाले रेस्तरां के संचालन पर संकट के बादल गहरा गए थे।
वहीं इस मामले पर मैकडॉनल्ड्स इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'हम रद्दीकरण के फैसले को लागू कराने के लिए कदम उठाएंगे। हालांकि हम विशिष्ट योजनाओं या कार्रवाई पर चर्चा नहीं कर पाएंगे।' हाल ही में बक्शी ने आउटलेटों को बंद करने की बात खारिज़ करते हुए एनसीएलटी की ओर से नियुक्त व्यवस्थापक को सीपीआरएल बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए कहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक बोर्ड कोई फैसला नहीं लेता है तब तक व्यापार पहले की तरह जारी रहेगा।
बक्शी को सीआरपीएल के प्रबंध निदेशक पद से हटाने के बाद मैकडॉनल्ड्स और सीआरपीएल के बीच वर्ष 2013 में विवाद शुरू हुआ था। आदेश के विरोध में बक्शी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण का रुख किया था। इस साल जुलाई में न्यायाधिकरण ने बक्शी की बहाली का आदेश दिया। इस आदेश को मैकडॉनल्डस ने राष्ट्रीय कंपनी कानून (एनसीएलएटी) अपीलीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी, ये अपील अभी विचाराधीन है। इसी बीच, बक्शी ने मैकडॉनल्डस की ओर से अनुबंध रद्द करने के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी। हालांकि न्यायाधिकरण ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। दोनों याचिकाओं पर 21 सितंबर को सुनवाई होनी है। सूत्रों का कहना है कि मैकडॉनल्ड्स के पास रद्दीकरण के फैसले को लागू कराने के लिए उच्च न्यायालय जाने का विकल्प खुला है।

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