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Saturday, March 21, 2015

ekgaramchai with bicycle lovers : Chinmay, Mohit & Chirag




 A Special Story for bicycle lovers. 

An exclusive talk with Chinmay, Mohit & Chirag

मंजिलें उनको मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसला से उड़ान होती है। इसी फितरत के है चिराग, चिन्मय और मोहित। कठिन डगर पर साइकिल के जरिए मंजिलों को हासिल करने वाले तीनों युवाओं की जान है साइकिल। महज साइकिल के जरिए कम्बोडिया, म्यांमार और कन्याकुमारी तक जाने वाले यंगस्टर्स ने अमन और शांति का संदेश भी दिया है। साथ ही स्पष्ट किया कि ईको फ्रेंडली साइकिल के जरिए न सिर्फ दिलों की बीमारियों का खात्मा किया जा सकता है, बल्कि सरहदों के निशान मिटाते हुए दिलों को भी जोड़ा जा सकता है। तीनों युवाओं ने शेयर किए दिल के जज्बात...

चिन्मय शर्मा

chinmay Sharma cyclist
Chinmay Sharma Cyclist
उम्र - २4 साल
शिक्षा - बीई(आईटी)
साइकिल - मैरिड़ा, 45 हजार कीमत

साइकिल मेरा पहला प्यार है, इसके लिए बिना जीने की सोच भी नहीं सकता। कुछ कर गुजरने की चाहत में जयपुर से साइकिल जैसलमेर लेकर गया। इसके बाद उत्तरी पूर्वी भारत में इम्फाल तक कठिन डगरों पर साइकिल चलाई और मैरीकॉम से मुलाकात की। तब केवल साइकिल पर ही मेरा बसेरा था। रात की सर्द हवाओं और बरसातों से भी मन डगमगाया नहीं और साइकिल का साथ नहीं छोड़ा। केवल जरुरत का सामान लेकर 3400 किलोमीटर का लंबा सफर सिर्फ 36 दिन में पूरा किया। हर दिन औसतन 140 किलोमीटर का सफर तय करता था। यूपी, बिहार, असम और नागालैंड होते हुए इम्फाल पहुंचा। रास्ते में लोगों ने डराया कि आगे जाना जिन्दगी के लिए खतरा पैदा कर सकता है, लेकिन खौंफ के बावजूद आगे बढ़ता गया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तर-पूर्वी भारतीय लोगों के मध्य पनपी दूरियां और विवादों को देखना था। इसे काफी हद तक समझा भी। खैर एक ही बात पता चली कि दिल सभी के एक है और खून भी लाल है। बस, राजनीति ने इंसानों को बांट दिया।

मोहित राज कपूर

Mohit Sharma cyclist
Mohit Sharma Cyclist
उम्र- 17 साल
शिक्षा- 11वीं
साइकिल-मैरिडा नेवी, 50 हजार कीमत
 
शायद मैं सबसे छोटा साइक्लिस्ट हूं, जो इतनी कम उम्र में इतना लंबा सफर कर पाया। इससे पहले 18 साल में कोई और साइकिल से इतना दूर नहीं गया। खैर, रोहतांग से कन्याकुमारी तक 4180 किमी का सफर महज 24 दिनों में 12 राज्यों हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, तेलगांना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडू को कवर करते हुए पूरा किया। जयपुर से 10 अक्टूबर को सफर शुरू किया था। जब उत्तरप्रदेश पहुंचा तो लूटेरा ने लूट लिया और मार-पीट भी की। मैनें हिम्मत नहीं हारी और साथियों से सम्पर्क साधकर आगे बढ़ा। इस बीच एक बार बेहोश हो गया, तबीयत खराब हो गई तो हॉस्पिटल में भर्ती हुआ। पर सब ठीक रहा। अच्छे लम्हें भी आए, जब हैदराबाद में अभिनेता नागार्जुन के परिवार और एशियन पैरा साइक्लिंग चैम्पियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट आदित्य मेहता से मुलाकात हुई। बीते वर्ष 3 नवंबर को सफर पूरा हुआ। कोशिश है दूसरे भी साइकिल के जरिए जिन्दगी संवारने का प्रयास करे।

चिराग सिंघल

Chirag Singhal  Cyclist
Chirag Singhal  Cyclist
उम्र- 22 साल
साइकिल- स्कॉट, 70 हजार कीमत
शिक्षा-साइकोलॉजी में बीए

6 अक्टूबर 2014 से यात्रा शुरू की थी, मकसद भारत और अन्य पड़ौसी देशों में एजुकेशन के प्रति लोगों को अवेयर करना है। बहुत दिनों से साइकिल के जरिए कुछ अच्छा मैसेज देने की प्लानिंग कर रहा था, आखिरकार दक्षिण पूर्वी एशिया के 7 देशों की यात्रा का प्लान बना लिया। इसके बाद इंडिया के दुर्गम रास्तों से होते हुए भूटान, म्यामांर, थाइलैंड, कम्बोडिया तक का सफर पूरा कर किया है। कम्बोडिया अभी तक किताबों में ही पढ़ा था, पहली बार इसे करीब से देख रहा हूं। कम्बोडिया के बाद लाओस और वियतनाम से बैक टू इंडिया का प्लान है। मई तक यह शानदार सफर पूरा होना संभावित है। लाइफ में पहली बार 14000 किमी लंबा सफर तय कर रहा हूं। सच में दिलचस्प है। हालांकि इस बीच आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ी और आखिरकार इंटरनेट के जरिए सहायोगियों से मदद मांगी। इसी की बदौलत हजारों रूपए का सहयोग मिला और सफर जिंदादिली से जारी है।

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